Wednesday, May 19, 2010

आखिर.... .....अब किसे दोषी करार दें....??????

                                               
          हमारी माननीय मुख्यमंत्री साहिबा...बहन मायावती...उत्तर प्रदेश में लगभग पिछले 30 महीने से अपने हर भाषण में एक ही बात का व्याख्यान करती आई है...कि केंद्र उनके राज्य से बसपा कि वजह से सौतेला व्यवहार करता है...और बार बार इसी बात को सुनकर मैं सोचता कि कहीं वास्तव में ही तो ऐसा नहीं कि 2  पार्टियों कि वर्चस्व में बेचारी आम जनता बेवजह पिस रही हो...विकास ठप हो रहा है...उद्योग लगातार बहार का रास्ता तलाश रहे हो...पर रायबरेली में कोच कारखाने का विरोध...फिर सारकारी खजाने से महंगे पार्कों और बसपा नेताओं की मूर्तियों का निर्माण..मनरेगा में वित्तीय गड़बड़ियां...इंजिनियर की चंदा न देने पर हत्या...जैसे कृत्य... क्या ये तस्वीर साफ़ करने के लिए पर्याप्त नहीं है की आखिर उत्तर प्रदेश की दिन पे दिन जर्जर होती हालत के लिए मुख्य दोषी  " केवल भाषणों में उभर कर आने वाला केंद्र का सौतेला व्यवहार है...या बहुमतीय सत्ता की अंधेर नगरी में जातीय और दलित नारों की खोकली कुर्सी पर बैठा एक चौपट राजा...!! और अब.. जब की योजना आयोग ने राज्य द्वारा विकास के लिए मांगी गई संपूर्ण राशि 42000 करोड़ रुपए को आबंटित कर दिया है.. ऐसे में अब हमारी माननीय मुख्यमंत्री बेचारी भोली भाली जनता के सामने किस केंद्र विरोधी जवाब का मसोदा पेश करेंगी...अब मुझे अपने इस जर्जर होते प्रदेश के लिए उसी एक और बयान का इंतजार है...!!