Friday, February 18, 2011

~~भारत पर सियासी शतरंज का साया~~

मनमोहन सिंह...!! ये वही नाम है जिसने 90 के दशक में भारत की जर्जर हो चुकी आर्थिक स्थति को न केवल मजबूत किया बल्कि पूरे विश्व पटल का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया.....ये वो नाम है जिसने राजनीति में अपने को चमकाने के लिए लोकसभा क्षेत्रों में उतारकर लोगो की भावनाओं से खिलवाड़ और झूठे वादे करके नहीं बल्कि अपनी इमानदार छवि के आधार पर प्रधानमंत्री के स्तर पर पहुंचा ....ये वो नाम है जो दुनिया के नामचीन अर्थशास्त्रियों में शुमार है....ये वो नाम है जिसने अमेरिका के साथ परमाणु संधि करके पूरे विश्व जगत में हलचल मचा दी थी.....ये वो नाम है जो बाईपास सर्जरी कराकर भी 120 करोड़ लोगो की उम्मीदों का बोझ अपने काँधे पर लादे हुए है.....फिर आखिर ऐसी कौन सी बात है की इतने मजबूत कंधे अपने ही देश में इतने कमजोर नज़र आते है..!! 
लगातार खुलते घोटालों के राज.....भ्रष्टाचार में सलिंप्त लोगो की लम्बी होती सूची....महंगाई से कराहती आम जनता.... गरीबों का सड़ता अनाज...उस पर हमारे कृषि मंत्री जी के सबसे घटिया और बेशर्मी से भरे बयाँ.....और सब जानते हुए भी मनमोहन सिंह जी के ऊट पटांग जवाब..तर्कहीन तथ्य...!! क्या ये सब बातें साफ़ साफ़ ये इशारा नहीं करते की वाकई में मनमोहन सिंह एक चाबी के खिलोने की तरह ही काम कर रहे है..!! और कांग्रेस के सत्ताकाल में ही मनमोहन सिंह जी जैसे व्यक्तित्व के प्रधान मंत्री पद पर रहते हुए सरकार के लगातार गिरते हुए स्तर के बावजूद प्रधानमंत्री का प्रेस कांफेरेंस बुलाकार अपनी मजबूरी का इजहार करना सिर्फ एक ही इशारा करता है भारत के राजनैतिक महकमे में सियासी शतरंज में गठबंधन में जुडी मतलबी पार्टिया इस तरह से अपने मोहरों कि बिसात बिछाएं बैठे है कि बात सह और मात पर टिकी हुई है...उसके बावजूद भी बेशर्मी से सरकार चलाना कोई आसान बात नहीं है...आखिर इस सह और मात में कौन सी पार्टिया है भारत के जनता के लिए नासूर..और किन मजबूरियों ने बांधे है सरकार के हाथ....
राज खुलने को बाकी है कुछ लम्हों का इंतजार....बस इंतजार करे अगले शब्दों से भरे एक लेख का....To Be Continued