Monday, September 20, 2010

कॉमनवेल्थ गेम्स- मुसीबतों का पिटारा भाग - 2

आज यानी 20 सितम्बर से शुरू हो जायेगी इन्द्र देवता की बरसात और कॉमनवेल्थ के लिए शुरू की गयी ब्लू लेन की प्रतिस्प्रधता  की नयी जंग की BISAAT ... ?? इस पर एक दिन पहले ही जामा मस्जिद पर हुए एक बचकाने हमले से उड़ी हुई दिल्ली पुलिस की नींद के मद्देनज़र अब ये देखना और भी दिलचस्प होगा कि आखिर भ्रष्टाचार के शिखर तक अपने जमीर को गिराने वाली कॉमनवेल्थ आयोजन समिति के कथन "खेलों के सफल आयोजन को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है"..और अपने विज्ञापनो में "सदैव आपके लिए" का दम भरने वाली दिल्ली पुलिस को आने वाले एक महीने में कितनी हकीकत और कितनी खोकले वादे निकल कर आते है...??

Saturday, September 11, 2010

आखिर कब तक.......

लाल बहादुर शास्त्री (स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री) ने समृद्ध भारत के लिए एक सूत्र दिया था...


"जय जवान-जय किसान"

.....पर किसान आज तक भी कर्ज के बोझ के तले दबे आत्महत्या कर रहा है, और जवान बेवजह आतंकवादी, नक्सली, और उग्रवादी हमलो में मारे जा रहे है. 

Sunday, September 5, 2010

कॉमनवेल्थ गेम्स- मुसीबतों का पिटारा भाग - 1

        कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियों  के दौरान खास खेल में शिरकत करने वाले मेहमानों और खिलाडियों के आवाजाही के इस्तेमाल के लिए बनाई गयी ब्लू लेन का कल शनिवार 4 सितम्बर 2010 को  ट्रायल हुआ, और ये ट्रायल दिल्लीवासियों के लिए 20 सितम्बर से 20 अक्टूबर तक कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान पहली कुर्बानी की ओर  एक इशारा था...!! इस लेन में प्रवेश करने का मतलब है सीधे आपकी जेब से 2000 रूपैय छू मंतर...और साथ ही घर से ऑफिस और ऑफिस से घर पहुँचने के लिए एवेरेस्ट पर चढ़ने जैसी मसक्कत. ....पर कहीं ऐसा तो नहीं की ये कलमाड़ी जी का कॉमनवेल्थ गेम्स पर लगी राशि निकालने का नया फार्मूला हो.. क्यों कि लगभग 3 करोड़ की जनसँख्या और हर रोज़ सड़कों पर लगभग 40 लाख से ज्यादा वाहन का झेलने वाली वाली दिल्ली में ये नियम कितना कारगर हो पायेगा, इसके लिए यहाँ बताने की नहीं बल्कि गेम्स के बाद ट्रफिक व्यवस्था के उन चालानों को खंगालने की जरूरत है जो केवल ब्लू लेन के लिए काटे गए है. पर "कहें भी क्या और करें भी क्या" जब हमारी पब्लिक ही खामोश है तो भला हम लोकतंत्र के अपराधी क्यों बने. पर हम सब अपना फ़र्ज़ निभाकर अंतिम साँस तक लोगो की अंतरात्मा को जगाने के लिए काम करते रहे,  क्यों की ये देश हमारा है...!! 
    ये थी हमारी कॉमनवेल्थ गेम्स पर जनहित के लिए पहली पेशकश..!! आगे और भी बहुत कुछ कर रहा है आपका इंतजार.....!! क्यों कि ..... 
अब मैं नहीं "हम"   

Profile of an Achiever



Failed in Business, Bankruptcy          – 1831
Defeated in Legislature                         – 1832
Failed in Business Bankruptcy            – 1834
Sweet Heart, Finance Dies                     – 1835
Nervous Breakdown                                 – 1836
Defeated in Election                                – 1838
Defeated in U.S Congress                     – 1843
Defeated again US congress               – 1846
Defeated in US senate                              – 1855
Defeated for US vice president            – 1856
Defeated again for US senate                – 1858

ABRAHAM LINCOLN
elected president of USA                             – 1860

“You Can not Fail until You quit”