Monday, December 28, 2009

Movies related to College



Classes : Kabhi Kabhi
Course : Godzila
Exam : Style
Exam Hall : Chamber of Secrets
Examiner : Mrityudata
Exam Time : Kayamat se Kayamat tak

Viva : Encounter
Question Paper : Paheli
Answer Paper : Kora Kagaz
Cheating : Aksar
Marks : Asambhav
Paper correction : Andha Kanoon
Paper Out : Plan
Last Exam : Independence Day
Result : Sadma

Pass : Ajooba
Fail : Devdas
Vacation : Masti
Supplementary : Aakhri Rasta





The Story of Relations

वफाओं का सिला
वो शख्स जब से गया फिर कभी मिला नहीं,
ऐसा बुझा चिराग मेरा कि आज तक जला नहीं.
ज़माना इस दस्तूर को कहता है बेवफाई,
मगर मुझे उस शख्स से आज तक कोई गिला नहीं.
खुल गया दरवाज़ा मेरा ये कैसी हवा चली,
पेड़ों का तो एक भी पत्ता हिला नहीं.
जाने कैसा हो गया फिजाओं का दस्तूर आज,
एक कली भी मुस्काई नहीं, एक फूल भी खिला नहीं.
सारे ज़माने से तुने  वफ़ा की ए "सूर्य प्रकाश",
क्या ये सब तेरी वफाओं का सिला तो नहीं.
बस "अब मैं नहीं हम"

"मैं" का एक और रूप ...
चारों तरफ है नज़ारा उसी का,
यारों मुझे बस सहारा उसी का.
जिस पर भी हो गया हुस्न मेहरबान,
धरती आकाश में बस सितारा उसी का.
जो बसा था  मेरे दिल में था अपनों की तरह,
मेरी तबाहियों में हाथ सारा उसी का.
कितनी बेवफाई है उसकी हर एक अदा में,
जिधर भी देखिये नज़ारा उसी का.
ऐ 'संजू" सभी तो दुनिया में वफ़ा नहीं करते,
जो कुछ भी है ज़हां में सारा उसी का.
तभी बस "अब मैं नहीं हम"




~ विचार : जो युग परिवर्तन कर दें ~
२८-दिसम्बर-२००९

"कुदरत उसे ही सब कुछ देती है, जो अपना सब कुछ समर्पित करने के लिए सदैव अग्रसर रहता है."                                          
                                                                              स्वयं का अनुभव : 
                                                       प्रेरणा - पं श्री राम शर्मा आचार्य 

Real Life

कभी कभी दूर निकल जाने को दिल करता है......
कभी कभी दूर निकल जाने को दिल करता है,
सच बताऊँ....
तो इस शहर को छोड़ जाने का दिल करता है.
इस शहर ने दिए है कई ज़ख्म ऐसे
कि जो वक़्त के साथ भी न भरेंगे.....
कभी कभी उन ज़ख्मों को सहलाने का दिल करता है,
सच बताऊँ
तो इस शहर को छोड़ जाने का दिल करता है.
कभी सोचा न था कि कोई भूल गया हमें तो क्या......
हम न कभी किसी को भूलेंगे....
मगर अब सब कुछ भूल जाने का दिल करता है.
सच बताऊँ..
तो इस शहर को छोड़ जाने का दिल करता है.
वादा किया था हमने उस परमात्मा से,
कि कभी आंसूं न बहायेंगे.....
मगर अब वादा तोड़कर आंसूं बहाने को जी करता है.
सच बताऊँ..
तो इस शहर को छोड़ जाने का दिल करता है..
कभी कभी दूर निकल जाने का दिल करता है.
 बस "अब मैं नहीं हम"