Monday, December 28, 2009

Real Life

कभी कभी दूर निकल जाने को दिल करता है......
कभी कभी दूर निकल जाने को दिल करता है,
सच बताऊँ....
तो इस शहर को छोड़ जाने का दिल करता है.
इस शहर ने दिए है कई ज़ख्म ऐसे
कि जो वक़्त के साथ भी न भरेंगे.....
कभी कभी उन ज़ख्मों को सहलाने का दिल करता है,
सच बताऊँ
तो इस शहर को छोड़ जाने का दिल करता है.
कभी सोचा न था कि कोई भूल गया हमें तो क्या......
हम न कभी किसी को भूलेंगे....
मगर अब सब कुछ भूल जाने का दिल करता है.
सच बताऊँ..
तो इस शहर को छोड़ जाने का दिल करता है.
वादा किया था हमने उस परमात्मा से,
कि कभी आंसूं न बहायेंगे.....
मगर अब वादा तोड़कर आंसूं बहाने को जी करता है.
सच बताऊँ..
तो इस शहर को छोड़ जाने का दिल करता है..
कभी कभी दूर निकल जाने का दिल करता है.
 बस "अब मैं नहीं हम"



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