Monday, May 24, 2010

इंतजार...

इंतजार...
वो शब्द जिसके भीतर छिपे है हर आने वाले कल के असंख्य राज...जिनमे कुछ खुशियों के फूल है..तो कुछ गम के कांटे...!! कभी होठों कि मुस्कान है..तो कभी आँखों का पानी...!! बस इन्ही उम्मीदों के साए में हमारी आँखें भी एक उस पल के इंतज़ार में है...कि आखिर हमारे इंतजार कि इंतहा क्या होगी...!!
पता नहीं कि..
रोयेंगी आँखें मुस्कुराने के बाद...या आएगा दिन रात ढल जाने के बाद...!!

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