"हमेशा सकारात्मक रहे"
कभी कभी दिल गहराई से ज्यादा रोता है..और ये बात तब महसूस होती है, जब आपको किसी की शिद्दत से जरूरत महसूस होती है, और जिन्दगी में ना जाने ऐसे कितने लम्हे आते है, जब अपने सबसे पहले साथ छोड़कर चले जाते है. लेकिन जब हो जाती है इन्तहा उस परमात्मा के परीक्षा की, तब लोग समझते है की ये तो गया, पर उन अनजान और अज्ञानियों को क्या पता, यही से तो असली जीवन की राह शुरू होती है...जहाँ जिन्दगी हज़ार गमो के बाद खुलकर सांस लेती है.
अब मैं नहीं "हम"
अब मैं नहीं "हम"
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